PM Swanidhi Loan Yojana 2024: स्ट्रीट वेंडर्स को मिलेगा ₹50,000 तक का लोन,

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क्या आप जानते हैं कि भारत में लगभग 1.1 करोड़ स्ट्रीट वेंडर्स हैं जो रोजाना करोड़ों लोगों की जरूरतें पूरी करते हैं? कोविड-19 महामारी ने इन छोटे व्यापारियों की आजीविका को गंभीर रूप से प्रभावित किया।

इन्हीं स्ट्रीट वेंडर्स की मदद के लिए मोदी सरकार ने पीएम स्वनिधि योजना की शुरुआत की है। यह योजना न केवल उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करती है, बल्कि डिजिटल अर्थव्यवस्था से जुड़ने का अवसर भी देती है।

PM Swanidhi Loan Yojana: स्ट्रीट वेंडर्स को मिलेगा ₹50,000 तक का लोन, जानें पूरी डिटेल्स

पीएम स्वनिधि योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे स्ट्रीट वेंडर्स को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। कोविड-19 महामारी से प्रभावित रेहड़ी-पटरी वालों को वित्तीय सहायता प्रदान कर उनके व्यवसाय को पुनर्जीवित करने में मदद करना इस योजना का लक्ष्य है। इसमें ठेला, फल-सब्जी विक्रेता और खाद्य पदार्थ बेचने वाले छोटे व्यापारी शामिल हैं।

  • उद्देश्य और पृष्ठभूमि: पीएम स्वानिधि योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे व्यापारियों को सशक्त बनाना है, विशेष रूप से कोविड महामारी से प्रभावित व्यापारियों की मदद करना है। यह योजना स्ट्रीट वेंडर्स को उनके व्यवसाय को पुनर्जीवित करने और आत्मनिर्भर बनने में सहायता प्रदान करती है।
  • मुख्य लक्षित समूह: ठेला, रेहड़ी-पटरी, फल, सब्जी, भोजन बेचने वाले स्ट्रीट वेंडर्स। ये व्यापारी अपने दैनिक आय के लिए अपने व्यवसाय पर निर्भर होते हैं और अक्सर वित्तीय संकट का सामना करते हैं।

योजना का लाभ शहरी क्षेत्रों में काम करने वाले स्ट्रीट वेंडर्स उठा सकते हैं। पात्रता के लिए व्यापारी का स्ट्रीट वेंडिंग से जुड़ा होना और दैनिक आय के लिए इस पर निर्भर होना आवश्यक है।

  • कौन हैं लाभार्थी: स्ट्रीट वेंडर्स जिनकी दैनिक आय उनके व्यवसाय से होती है। ये व्यापारी अपने व्यवसाय को चलाने के लिए वित्तीय सहायता की आवश्यकता होती है।
  • पात्रता की शर्तें: व्यापारियों की सूची जिनके लिए योजना खुली है। इसमें वे व्यापारी शामिल हैं जो शहरी क्षेत्रों में स्ट्रीट वेंडर्स के रूप में काम करते हैं और जिनकी आय उनके व्यवसाय से होती है।

योजना के तहत तीन चरणों में कुल ₹50,000 तक का लोन मिलता है:

  • पहली किस्त: ₹10,000
  • दूसरी किस्त: ₹20,000
  • तीसरी किस्त: ₹50,000 तक
  • ऋण वितरण: ₹50,000 तक का लोन तीन चरणों में। पहली किस्त: ₹10,000, दूसरी किस्त: ₹20,000, तीसरी किस्त: ₹50,000 तक।
  • सुविधा तुलना तालिका: प्रत्येक चरण के लाभ की सारणी। यह तालिका व्यापारियों को अपने व्यवसाय की आवश्यकताओं के अनुसार ऋण की राशि और किस्तों का चयन करने में मदद करती है।

ऋण पर किफायती ब्याज दर लागू होती है। समय पर EMI चुकाने पर 7% तक की ब्याज सब्सिडी का लाभ मिलता है, जो सीधे खाते में जमा होती है।

  • ब्याज दर: अत्यधिक अनुकरणीय दरें। ये दरें व्यापारियों को उनके व्यवसाय को चलाने में मदद करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं।
  • सब्सिडी: समय पर भुगतान करने पर 7% तक की राहत। यह सब्सिडी व्यापारियों को उनके ऋण का भुगतान करने में मदद करती है और उन्हें अपने व्यवसाय को विकसित करने में सहायता प्रदान करती है।

आवेदन ऑनलाइन पोर्टल या नजदीकी बैंक शाखा से किया जा सकता है। आवश्यक दस्तावेज़ों में शामिल हैं:

  • पहचान प्रमाण
  • पता प्रमाण
  • व्यवसाय का प्रमाण
  • बैंक खाता विवरण
  • आवेदन कैसे करें: ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रक्रियाएँ। व्यापारी ऑनलाइन आवेदन पत्र भर सकते हैं या अपने निकटतम बैंक शाखा में जाकर आवेदन कर सकते हैं।
  • महत्वपूर्ण दस्तावेज़: ज़रूरी कागजातों की सूची। इसमें व्यापारी की पहचान, आय प्रमाण पत्र, और व्यवसाय के संबंध में अन्य आवश्यक दस्तावेज़ शामिल हैं।

ऋण की वापसी के लिए लचीले विकल्प उपलब्ध हैं:

  • 12 माह की अवधि
  • 18 माह की अवधि
  • 36 माह की अवधि
    समय से पहले भुगतान पर कोई जुर्माना नहीं लगता है।
  • वापसी की अवधि: 12 माह, 18 माह, 36 माह के विकल्प। व्यापारी अपनी आवश्यकताओं के अनुसार भुगतान की अवधि का चयन कर सकते हैं।
  • प्री-पेमेंट विकल्प: कोई पेनल्टी नहीं। व्यापारी अपने ऋण का भुगतान समय से पहले कर सकते हैं और कोई पेनल्टी नहीं देनी होगी।

योजना के तहत डिजिटल पेमेंट को प्रोत्साहित किया जाता है। प्रति माह 50 से अधिक डिजिटल लेनदेन करने पर ₹100 तक का कैशबैक मिलता है।

  • विस्तार की संभावनाएं: व्यापार विस्तार के लाभ। यह योजना व्यापारियों को अपने व्यवसाय को विकसित करने और नए अवसरों का लाभ उठाने में मदद करती है।
  • डिजिटल लेनदेन: बढ़ी हुई ग्राहक पहुंच। यह योजना व्यापारियों को डिजिटल लेनदेन के माध्यम से अपने ग्राहकों तक पहुंचने में मदद करती है।

योजना के माध्यम से सरकार स्ट्रीट वेंडर्स को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है। समय पर ऋण चुकाने वाले लाभार्थियों को अगली किस्त के लिए प्राथमिकता दी जाती है।

  • ब्याज सब्सिडी और अधिक: आर्थिक सहायताएँ। यह योजना व्यापारियों को ब्याज सब्सिडी और अन्य आर्थिक सहायता प्रदान करती है।
  • आत्मनिर्भरता की दिशा में योगदान: स्ट्रीट वेंडर्स के लिए बड़ी भूमिका। यह योजना व्यापारियों को आत्मनिर्भर बनने में मदद करती है और उन्हें अपने व्यवसाय को विकसित करने में सहायता प्रदान करती है।

आवेदन के लिए आधिकारिक वेबसाइट pmsvanidhi.mohua.gov.in पर जाएं।

पीएम स्वनिधि योजना स्ट्रीट वेंडर्स के लिए एक जीवन रेखा साबित हो रही है। यह न केवल उनकी तत्काल वित्तीय जरूरतों को पूरा करती है, बल्कि उन्हें औपचारिक बैंकिंग प्रणाली से जोड़कर आर्थिक समावेशन को बढ़ावा देती है।

सरकार का लक्ष्य है कि 2025 तक 50 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स को इस योजना से जोड़ा जाए। यह योजना न केवल वेंडर्स को आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर रही है, बल्कि भारत की अनौपचारिक अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

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